Tuesday 1 December 2015

व्यापर बढ़ाने का उपाय- Totake For Business Progress

Business badhane ka totaka
सोमवार को चांदी कि दो मछली लेकर बहते हुए जल में प्रवाह करने से व्यापर में बृद्धि होती है
बुध् वार शाम को एक नर एक मादा तोता लेकर पह्ले अपना मन्नत कहे कि हे तोता जैसे हम तुम्हे आजाद कर रहे है उस तरह आप हमे भी बन्ध् नो से आजाद करे हमारा व्यापार खूब अच्छा चले हमारे घर में सुख शांति रहे फ़िर दोनो तोते को अप ने हाथो से आजाद कर दे
मंदी से छुटकारा पाएं ऐसे-
अगर आपके व्यापार में मंदी आ गयी है या नौकरी में मंदी आ गयी है तो यह करें। किसी साफ़ शीशी में 800 ग्राम सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में शनिवार शाम को डाल दें। शीघ्र ही मंदी का असर जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी।
To bring prosperity into business : –
If the customer base is reducing or you feel that somebody has done black magic, do the following ‘totka’- Cut five Yellow Lemons on Sunday & put them into your shop along with a handful of pepper and Yellow mustard seeds. The next Morning when you open the shop, first go to a deserted place away from the shop and burry all these into a pit. The black magic vanishes immediately after doing this experiment.
यदि व्यवसाय में अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, कारोबार में घाटा हो रहा हो या किसी साझेदार की वजह से परेशानी आ रही हो तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने पूजा स्थान में संपूर्ण श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र की स्थापना करें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करने के उपरांत एक स्वच्छ पीले वस्त्र में नागकेसर, 11 दाने साबुत हल्दी, 11 साबुत सुपारी, 11 गोमती चक्र, 11 छेद वाले तांबे के सिक्के और 11 मुट्ठी हल्दी से रंगे हुए पीले अक्षत रखकर पोटली बना लें। पोटली को अपने पूजा स्थान में यंत्र के सामने रख दें। कुंकुम, केसर और हल्दी घोलकर 21 बिंदी लगाएं। तत्पश्चात घी का दीपक जलाएं और मां महालक्ष्मी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। हर रोज बिंदी लगाकर 108 बार जाप करें। ऐसा 40 दिन नियमित रूप से करें। पूजा समाप्ति के बाद चांदी का सिक्का अपनी तिजोरी में रख दें बाकी समस्त सामग्री बहते पानी में प्रवाह कर दें। कारोबारी समस्त समस्याओं का निवारण होगा।
व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए :
अधिकतर मामलों में व्यापार करते हुये धन की कमी होती है,लगातार प्रतिस्पर्धा के कारण लोग व्यवसाय को काटते है,और ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करते है, अपनी बिजनिस बढाने के लिये तांत्रिक उपाय करते है, और उन तांत्रिक उपायों को करने के बाद खुद तो उल्टा सीधा कमाते है,लेकिन अपने सामने वाले को भी बरबाद करते है तथा कुछ दिनों में उनके द्वारा किये गये तांत्रिक उपायों का असर खत्म हो जाने पर दिवालिया बन कर घूमने लगते है। अपने व्यवसाय स्थल से नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और ग्राहकी बढाने का तरीका आपको बता रहा हूँ, इस तरीके को प्रयोग करने के बाद आप खुद ही महसूस करने लगेंगे ।
सोमवार के दिन किसी नगीने बेचने वाले से तीन गारनेट के नग खरीदकर लाइये, और रात को उन्हे किसी साफ कांच के बर्तन में पानी में डुबोकर खुले स्थान में रख दीजिये,उन नगों को लगातार नौ दिन तक यानी अगले मंगलवार तक उसी स्थान पर रखा रहने दीजिये, और मंगलवार की शाम को उन नगीनों को मय उस पानी के उठा लीजिये,बुधवार को उस पानी से नगीनों को अपने व्यवसाय वाले स्थान पर निकाल लीजिये और पानी को व्यवसाय स्थान के सभी कोनों और अन्धेरी जगह पर कैस काउन्टर और टेबिल ड्रावर के अन्दर छिडक दीजिये, तथा उन नगीनों को (तीनों को) अपनी टेबिल पर सजाकर सामने रख लीजिये, इस प्रकार से आपके व्यापारिक स्थान की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जायेगी, और सकारात्मक ऊर्जा आने लगेगी । नगीनों को सम्भाल कर रखे,जिससे कोई उन्हे ले न जा सके।
नवरात्री का नौंवा दिन
उपाय (१) :- 5 पान के पत्ते और पांच अलग – अलग मिठाई लें और साथ में 5 फूल, 10 कपूर, 10 लौंग मिलायें | फूलों की पत्तियों और मिठाइयों को मिला लें पान के पांचो पत्तों पर मिठाई और फूल रखें नींबू काट दें लेकिन दोनों हिस्से अलग नहीं होने चाहिये, नींबू के हर पीस पर एक – एक लौंग और कपूर रखें बाद में इन्हें जला दें अगले दिन सुबह से सब नदी में डाल दें, कारोबार में आपको सफलता जरूर मिलेगी |
उपाय(२) :- पांच गुडहल के फूल अलग – अलग आटे की 5 लोइयों में दबा कर इन आटे की लोइयों को आज देवी को चढ़ा दें और कल यानि दशमी के दिन इन्हें सांड (बैल) को खिला दें …आप चाहे जिस कारोबार में हो, आपको कामयाबी जरुर हासिल होगी
नए कारोबार की शुरुआत के लिए
नया कारोबार, नई दुकान या कोई भी नया कार्य करने से पूर्व मिट्टी के पांच पात्र लें जिसमें सवाकिलो सामान आ जाएं। प्रत्येक पात्र में सवा किलो सफेद तिल, सवा किलो पीली सरसों, सवा किलो उड़द, सवा किलो जौ, सवा किलो साबुत मूंग भर दें। मिट्टी के ढक्कन से ढंक कर सभी पात्र को लाल कपड़े से मुंह बांध दें और अपने व्यावसायकि स्थल पर इन पांचों कलश को रख दें। वर्ष भर यह कलश अपनी दुकान में रखें। ग्राहकों का आगमन बड़ी सरलता से बढ़ेगा और कारोबारी समस्या का निवारण भी होगा। एक वर्ष के बाद इन संपूर्ण पात्रों को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये पात्र भरकर रख दें।

Wednesday 18 November 2015

Jasmine Oil Vashikaran Tataka Mantra Hindi

This is also the Black Magic Shabar Vashikaran Spells by Jasmine Oil. This is also very powerful and effective spells and required to do the without any ill will.
Spells :
Om namo man mohini
Mohini Chala
Gair ke mastak dhara
Tail ka Deepak jala
Jal mohun
Thal mohun
Mohun saara jagat
Mohini raani ja shiyaa p laa
N laaye to gaura parvati ki duhaai
Lona chamarin ki duhaai
Nahi to veer hanuman ji ki duhaai |

How to this ritual of Black Magic Shabar Vashikaran Spells by Jasmine Oil: Take Jasmine oil and spelled it with spell provided above. Now just sprinkle the spelled oil on the desire girl / lady. She will be with you forever.

तेल मोहन शाबर वशीकरण मंत्र
ॐ नमो मन मोहिनी।
मोहिनी चला।
गैर के मस्तक धरा।
तेल का दीपक जला।
जल मोहूँ।
थल मोहूँ।
मोहूँ सारा जगत।
मोहिनी रानी जा शैया प ला।
न लाये तो गौर पारवती कि दुहाई।
लोन चमारिन कि दुहाई।
नहीं तो वीर हनुमान कि आन।

विधि : इस मंत्र से अभिमंत्रित कर के चमेली के तेल को जिस लड़की या बीरबानी के शरीर पर छिड़क दिया जाये गा. वो तत्काल वशीभूत हो जायेगी

Saturday 7 November 2015

Kaal Bhairav Sadhana


Kaal Bhairav Sadhana Mantra 
यह साधना एक दिवसीय साधना है।तामसिक और स्वातिक प्रद्ती से किया जाता है। साबर मंत्र होने करण एक स्वयं सिद्ध मंत्र है।भैरव के रुप उग्र होते है, ईस लिए देखने पर भी डरे नही।वहुत से साधक कि मौत डर के वजह से हो जाती है।ईस लिय कमजोर हुदय वाले साधक ये  साधना ना कारे।भैरव साधना किसी एकान्त स्थान पर करे। एक रुद्राक्ष माला से मंत्र जाप करे और दुसरा गले मे धारण करे। हाथ मेँ भैरव मुद्रिका पहने। साधना के समय कनेरफुल ,कुछ लौग,केले एक जोडा,सिँदुर और लाडु भैरव के फोटो के आगे राखे ।चारमुख वाले दिपक जलाए। घी मेँ हवन करेते हुए एक हजार जाप करने से भैरव प्रकट होगे। भैरव को देखते ही प्रणाम करे और लाडु खिला दे।भैरव खुश होकर वरदान माँगने के लिय कहेगा। कुछु भी माँग ले। तामसिक पुजा करे तो लाडु के स्थान पर दारु(whiskey) राखे। भैरव प्रकट हो तो एक नया गिलास मे एक पैक वनाकर पिला दे। दुसरा विधि-प्रतिदिन ईस मंत्र को जाप एक माला दो माला करे दिन अच्छा जाएगा।
मंत्र:-
ॐ काली कंकाली।
महाकाली के पुत्र।
कंकाल भैरव हुकुम हाजिर रहे।मेरा भेजा कालकरे।
मेरा भेजा रक्षा करे।
आन बाँधूँ।
बान बाँधूँ।
चरिते फूल में भेदु फूल मैं जाय।
कोढे जि पडे थर थर कांपे।
हल हल होले। गिरि गिरि पर,उठ उठ भगे। बक बक बके,मेरा भेजा सवाघडी।
पहर सवा दिन।
सवा मास ।
सवा बरस को बावला न करे।
तो माता कि काली कि शय्या पेय्रर पे पग धरे।
वाचा चुके।
तो उमा सूखे।
वाचा छोड़ कुवाचा करै।
धोबी कि नाँद।
चमार ने कुंढे में पड़ै।
मेर भेजा बावला न करैं।
तो रुद्र के नेत्र से आग की जवाला कढै।
सिर कि जटा टुट भूमि में गिरे।
माता पार्वती के चिर पे चोट पडे।
बिन हुकुम नहि मारना।
हे काली के पुत्र कंकाल भैरव।
फुरे मन्त्र ईश्वरो वाचा।
सत्य नाम आदेश गुरु को।

Wednesday 28 October 2015

Powerful Vashikaran Tantra

Powerful Vashikaran Tantra Yantra Mantra :-

तंत्र शास्त्र भारत की एक प्राचीन विद्या है। तंत्र ग्रंथ भगवान शिव के मुख से आविर्भूत हुए हैं। उनको पवित्र और प्रामाणिक माना गया है। भारतीय साहित्य में 'तंत्र' की एक विशिष्ट स्थिति है, पर कुछ साधक इस शक्ति का दुरुपयोग करने लग गए, जिसके कारण यह विद्या बदनाम हो गई।

जो तंत्र से भय खाता हैं, वह मनुष्य ही नहीं हैं, वह साधक तो बन ही नहीं सकता! गुरु गोरखनाथ के समय में तंत्र अपने आप में एक सर्वोत्कृष्ट विद्या थी और समाज का प्रत्येक वर्ग उसे अपना रहा था! जीवन की जटिल समस्याओं को सुलझाने में केवल तंत्र ही सहायक हो सकता हैं! परन्तु गोरखनाथ के बाद में भयानन्द आदि जो लोग हुए उन्होंने तंत्र को एक विकृत रूप दे दिया! उन्होंने तंत्र का तात्पर्य भोग, विलास, मद्य, मांस, पंचमकार को ही मान लिया! 
“मद्यं मांसं तथा मत्स्यं मुद्रा मैथुनमेव च, मकार पंचवर्गस्यात सह तंत्रः सह तान्त्रिकां”

जो व्यक्ति इन पांच मकारो में लिप्त रहता हैं वही तांत्रिक हैं, भयानन्द ने ऐसा कहा! उसने कहा की उसे मांस, मछली और मदिरा तो खानी ही चाहिए, और वह नित्य स्त्री के साथ समागम करता हुआ साधना करे! ये ऐसी गलत धरना समाज में फैली की जो ढोंगी थे, जो पाखंडी थे, उन्होंने इस श्लोक को महत्वपूर्ण मान लिया और शराब पीने लगे, धनोपार्जन करने लगे, और मूल तंत्र से अलग हट गए, धूर्तता और छल मात्र रह गया! और समाज ऐसे लोगों से भय खाने लगे! और दूर हटने लगे! लोग सोचने लगे कि ऐसा कैसा तंत्र हैं, इससे समाज का क्या हित हो सकता हैं? लोगों ने इन तांत्रिकों का नाम लेना बंद कर दिया, उनका सम्मान करना बंद कर दिया, अपना दुःख तो भोगते रहे परन्तु अपनी समस्याओं को उन तांत्रिकों से कहने में कतराने लगे, क्योंकि उनके पास जाना ही कई प्रकार की समस्याओं को मोल लेना था! और ऐसा लगने लगा कि तंत्र समाज के लिए उपयोगी नहीं हैं!

परन्तु दोष तंत्र का नहीं, उन पथभ्रष्ट लोगों का रहा, जिनकी वजह से तंत्र भी बदनाम हो गया! सही अर्थों में देखा जायें तो तंत्र का तात्पर्य तो जीवन को सभी दृष्टियों से पूर्णता देना हैं!

जब हम मंत्र के माध्यम से देवता को अनुकूल बना सकते हैं, तो फिर तंत्र की हमारे जीवन में कहाँ अनुकूलता रह जाती हैं? मंत्र का तात्पर्य हैं, देवता की प्रार्थना करना, हाथ जोड़ना, निवेदन करना, भोग लगाना, आरती करना, धुप अगरबत्ती करना, पर यह आवश्यक नहीं कि लक्ष्मी प्रसन्ना हो ही और हमारा घर अक्षय धन से भर दे! तब दुसरे तरीके से यदि आपमें हिम्मत हैं, साहस हैं, हौसला हैं, तो क्षमता के साथ लक्ष्मी की आँख में आँख डालकर आप खड़े हो जाते हैं और कहते हैं कि मैं यह तंत्र साधना कर रहा हूँ, मैं तुम्हें तंत्र में आबद्ध कर रहा हूँ और तुम्हें हर हालत में सम्पन्नता देनी हैं, और देनी ही पड़ेगी!

पहले प्रकार से स्तुति या प्रार्थना करने से देवता प्रसन्ना न भी हो परन्तु तंत्र से तो देवता बाध्य होते ही हैं, उन्हें वरदान देना ही पड़ता हैं! मंत्र और तंत्र दोनों ही पद्धतियों में साधना विधि, पूजा का प्रकार, न्यास सभी कुछ लगभग एक जैसा ही होता हैं, बस अंतर होता हैं, तो दोनों के मंत्र विन्यास में, तांत्रोक्त मंत्र अधिक तीक्ष्ण होता हैं! जीवन की किसी भी विपरीत स्थिति में तंत्र अचूक और अनिवार्य विधा हैं.

आज के युग में हमारे पास इतना समय नहीं हैं, कि हम बार-बार हाथ जोड़े, बार-बार घी के दिए जलाएं, बार-बार भोग लगायें, लक्ष्मी की आरती उतारते रहे और बीसों साल दरिद्री बने रहे, इसलिए तंत्र ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, कि लक्ष्मी बाध्य हो ही जायें और कम से कम समय में सफलता मिले! बड़े ही व्यवस्थित तरीके से मंत्र और साधना करने की क्रिया तंत्र हैं! किस ढंग से मंत्र का प्रयोग किया जायें, साधना को पूर्णता दी जायें, उस क्रिया का नाम तंत्र हैं! और तंत्र साधना में यदि कोई न्यूनता रह जायें, तो यह तो हो सकता हैं, कि सफलता नहीं मिले परन्तु कोई विपरीत परिणाम नहीं मिलता! तंत्र के माध्यम से कोई भी गृहस्थ वह सब कुछ हस्तगत कर सकता हैं, जो उसके जीवन का लक्ष्य हैं! तंत्र तो अपने आप में अत्यंत सौम्य साधना का प्रकार हैं, पंचमकार तो उसमें आवश्यक हैं ही नहीं! बल्कि इससे परे हटकर जो पूर्ण पवित्रमय सात्विक तरीके, हर प्रकार के व्यसनों से दूर रहता हुआ साधना करता हैं तो वह तंत्र साधना हैं!
जनसाधारण में इसका व्यापक प्रचार न होने का एक कारण यह भी था कि तंत्रों के कुछ अंश समझने में इतने कठिन हैं कि गुरु के बिना समझे नहीं जा सकते । अतः  ज्ञान का अभाव ही शंकाओं का कारण बना।
तंत्र शास्त्र वेदों के समय से हमारे धर्म का अभिन्न अंग रहा है। वैसे तो सभी साधनाओं में मंत्र, तंत्र एक-दूसरे से इतने मिले हुए हैं कि उनको अलग-अलग नहीं किया जा सकता, पर जिन साधनों में तंत्र की प्रधानता होती है, उन्हें हम 'तंत्र साधना' मान लेते हैं। 'यथा पिण्डे तथा ब्रह्माण्डे' की उक्ति के अनुसार हमारे शरीर की रचना भी उसी आधार पर हुई है जिस पर पूर्ण ब्रह्माण्ड की।
तांत्रिक साधना का मूल उद्देश्य सिद्धि से साक्षात्कार करना है। इसके लिए अन्तर्मुखी होकर साधनाएँ की जाती हैं। तांत्रिक साधना को साधारणतया तीन मार्ग : वाम मार्ग, दक्षिण मार्ग व मधयम मार्ग कहा गया है।
श्मशान में साधना करने वाले का निडर होना आवश्यक है। जो निडर नहीं हैं, वे दुस्साहस न करें। तांत्रिकों का यह अटूट विश्वास है, जब रात के समय सारा संसार सोता है तब केवल योगी जागते हैं।
तांत्रिक साधना का मूल उद्देश्य सिद्धि से साक्षात्कार करना है। यह एक अत्यंत ही रहस्यमय शास्त्र है ।
चूँकि इस शास्त्र की वैधता विवादित है अतः हमारे द्वारा दी जा रही सामग्री के आधार पर किसी भी प्रकार के प्रयोग करने से पूर्व किसी योग्य तांत्रिक गुरु की सलाह अवश्य लें। अन्यथा किसी भी प्रकार के लाभ-हानि की जिम्मेदारी आपकी होगी।
परस्पर आश्रित या आपस में संक्रिया करने वाली चीजों का समूह, जो मिलकर सम्पूर्ण बनती हैं, निकायतंत्रप्रणाली या सिस्टम (System) कहलातीं हैं। कार है और चलाने का मन्त्र भी आता है, यानी शुद्ध आधुनिक भाषा मे ड्राइविन्ग भी आती है, रास्ते मे जाकर कार किसी आन्तरिक खराबी के कारण खराब होकर खडी हो जाती है, अब उसके अन्दर का तन्त्र नही आता है, यानी कि किस कारण से वह खराब हुई है और क्या खराब हुआ है, तो यन्त्र यानी कार और मन्त्र यानी ड्राइविन्ग दोनो ही बेकार हो गये, किसी भी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, और समय का अन्दरूनी ज्ञान रखने वाले को तान्त्रिक कहा जाता है, तो तन्त्र का पूरा अर्थ इन्जीनियर या मैकेनिक से लिया जा सकता है जो कि भौतिक वस्तुओं का और उनके अन्दर की जानकारी रखता है, शरीर और शरीर के अन्दर की जानकारी रखने वाले को डाक्टर कहा जाता है, और जो पराशक्तियों की अन्दर की और बाहर की जानकारी रखता है, वह ज्योतिषी या ब्रह्मज्ञानी कहलाता है, जिस प्रकार से बिजली का जानकार लाख कोशिश करने पर भी तार के अन्दर की बिजली को नही दिखा सकता, केवल अपने विषेष यन्त्रों की सहायता से उसकी नाप या प्रयोग की विधि दे सकता है, उसी तरह से ब्रह्मज्ञान की जानकारी केवल महसूस करवाकर ही दी जा सकती है, जो वस्तु जितने कम समय के प्रति अपनी जीवन क्रिया को रखती है वह उतनी ही अच्छी तरह से दिखाई देती है और अपना प्रभाव जरूर कम समय के लिये देती है मगर लोग कहने लगते है, कि वे उसे जानते है, जैसे कम वोल्टेज पर वल्व धीमी रोशनी देगा, मगर अधिक समय तक चलेगा, और जो वल्व अधिक रोशनी अधिक वोल्टेज की वजह से देगा तो उसका चलने का समय भी कम होगा, उसी तरह से जो क्रिया दिन और रात के गुजरने के बाद चौबीस घंटे में मिलती है वह साक्षात समझ मे आती है कि कल ठंड थी और आज गर्मी है, मगर मनुष्य की औसत उम्र अगर साठ साल की है तो जो जीवन का दिन और रात होगी वह उसी अनुपात में लम्बी होगी, और उसी क्रिया से समझ में आयेगा.जितना लम्बा समय होगा उतना लम्बा ही कारण होगा, अधिकतर जीवन के खेल बहुत लोग समझ नही पाते, मगर जो रोजाना विभिन्न कारणों के प्रति अपनी जानकारी रखते है वे तुरत फ़ुरत में अपनी सटीक राय दे देते है.यही तन्त्र और और तान्त्रिक का रूप कहलाता है.
तन्त्र परम्परा से जुडे हुए आगम ग्रन्थ हैं। इनके वक्ता साधारणतयः शिवजी होते हैं।

तन्त्र का शाब्दिक उद्भव इस प्रकार माना जाता है - “तनोति त्रायति तन्त्र” । जिससे अभिप्राय है – तनना, विस्तार, फैलाव इस प्रकार इससे त्राण होना तन्त्र है। हिन्दू, बौद्ध तथा जैन दर्शनों में तन्त्र परम्परायें मिलती हैं। यहाँ पर तन्त्र साधना से अभिप्राय "गुह्य या गूढ़ साधनाओं" से किया जाता रहा है।

तन्त्रों को वेदों के काल के बाद की रचना माना जाता है और साहित्यक रूप में जिस प्रकार पुराण ग्रन्थ मध्ययुग की दार्शनिक-धार्मिक रचनायें माने जाते हैं उसी प्रकार तन्त्रों में प्राचीन-अख्यान, कथानक आदि का समावेश होता है। अपनी विषयवस्तु की दृष्टि से ये धर्म, दर्शन, सृष्टिरचना शास्त्र, प्रचीन विज्ञान आदि के इनसाक्लोपीडिया भी कहे जा सकते हैं।

Monday 26 October 2015

Important Powerful Vashikaran Totake Mantra Hindi


वशीकरण का सामान्य और सरल अर्थ है- किसी को प्रभावित करना, आकर्षित करना या वश में करना। जीवन में ऐसे कई मोके आते हैं जब इंसान को ऐसे ही किसी उपाय की जरूरत पड़ती है। किसी रूठें हुए को मनाना हो या किसी अपने के अनियंत्रित होने पर उसे फिर से अपने नियंत्रण में लाना हो,तब ऐसे ही किसी उपाय की सहायता ली जा सकती है। वशीकरण के लिये यंत्र, तंत्र, और मंत्र तीनों ही प्रकार के प्रयोग किये जा सकते हैं। यहां हम ऐसे ही एक अचूक मंत्र का प्रयोग बता रहे हैं। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का अनुभव सिद्ध मंत्र है। यह मंत्र तथा कुछ निर्देश इस प्रकार हैं-

Vashikaran means to control someone. These mantras are generally used to bring your love back, ex back, boyfriend, girlfriend, wife, husband or near or dear one back to you. A Vashikaran Mantra helps you to make someone love you and if you are really in love with him, you can marry him.  Some powerful vashikaran mantras are being given here for the mankind. Best of luck to all of you.

बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका। चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आगू म राखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया, पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमन्ता छुटे। राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। कीर करे बीट बिरा करे, मोहिनी-जोहिनी सातों बहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस मन्दिर के दरबार मोहों। हाँक परे भिरहा मोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।”
विधि- उक्त मन्त्र स्वयं सिद्ध है। शुभ समय में १०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र जपे।
मन्त्र का प्रयोग कोर्ट-कचहरी, मुकदमा-विवाद, आपसी कलह, शत्रु-वशीकरण, नौकरी-इण्टरव्यू, उच्च अधीकारियों से सम्पर्क करते समय करे। उक्त मन्त्र को पढ़ते हुए इस प्रकार जाँए कि मन्त्र की समाप्ति ठीक इच्छित व्यक्ति के सामने हो।
 
Kamdev mantra for vashikaran
 
“ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।”
विधि- कामदेव के उक्त मन्त्र को तीनों काल, एक-एक माला, एक मास तक जपे, तो सिद्ध हो जायेगा। प्रयोग करते समय जिसे देखकर जप करेंगे, वही वश में होगा।
Durga Saptsati Vashikaran Mantra

मंत्र :- ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ही सा। बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति ।।
यह एक अनुभवसिद्ध अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग करने से पूर्व भगवती त्रिपुर सुन्दरी मां महामाया का एकाग्रता पूर्वक ध्यान करें। ध्यान के पश्चात पूर्ण श्रृद्धा-भक्ति से पंचोपचार से पूजा कर संतान भाव से मां के समक्ष अपना मनोरथ व्यक्त कर दें। वशीकरण सम्बंधी प्रयोगों में लाल रंग का विशेष महत्व होता है अत: प्रयोग के दोरान यथा सम्भव लाल रंग का ही प्रयोग करें। मंत्र का प्रयोग अधार्मिक तथा अनैतिक उद्देश्य के लिये करना सर्वथा वर्जित है।
 नोट :- अगर आपको टोटके में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो आप बाबाजी से संपर्क कर सकते है 
Email:- mohanastrologer1@gmail.com

Thursday 1 October 2015

Pati ko vash me karane ka upay vashikaran mantra

Mantra – “ om asy sri sundrimantra swarth varn                        Rishi iti swhipas swaha ”
Vidhi – जिस  स्त्री  का  पति  उससे  संतुस्ट  न  रहता  हो  , उस  स्त्री  को  निम्न  मंत्र  का  प्रतिदिन  108 दिन  tak 108 बार  जप  कर्मा  चाहिए  ,इससे  पति  पत्नी  पर  आकर्षित  होगा  तथा   दोनों  का  जीवन  आनद  मेय   हो  जायेगा  |
Vidhi- jis stri ka pati usse stusht na rahta ho us stri ko nimna mantra ka daily 108 din tak 108 bar jap karna chahiye, isase pati patni par mohit hoga tatha dono ka jeevan aanandmayi ho jayega 

Wednesday 30 September 2015

Black Magic Spell For Sex

Black Magic Spells for USA, Black Magic Spells Maximum Using in South America, Canada for Sex

How we can do the vashikaran by just chanting the spells under the category of black magic sex lust Orgasm spells. This is also called black magic Captivate by sex lust Orgasm spells. This spells is  being maximum using in USA and South America.

That Black Magic Spells:
Ain shvllri kiln kr kiln kr pisaach AMUKI kaam Graah, savpne mm rope nakhi vidarya, drvya, drvya rad mhen bandhy bandhy shrin fat |

How to and when to do this Black Magic sex lust Orgasm Spells ritual: At the time of night took off all clothes and sit in silent and alone place. Your mouth should in the direction of north. During the chanting Called your desired girl / lady name in place of AMUKI. During the chanting you need to Full desire of Sex or Orgasm mean chant the spells with full desire of Sex or Orgasm. By This way You will definitely Get the desired woman / Girl in your bed.
The duration of this black magic ritual is 21 days before the sunrise daily. Chant the spells 324 Times daily.
Black Magic Spells Maximum Using in USA and South America For Sex
Black Magic Spells Maximum Using in USA and South America For Sex
HINDI VERSION:  Sambhog Sukh Vashikaran Mantra - सम्भोग सुख वशीकरण
ऐं सहवल्लरी क्लीं कर क्लीं कर पिसाच
अमुकीं काम ग्राहा, स्वपने मम रूपे नखै
विदारय विदारय, द्रावय, द्रावय रद महेन
बन्धय बन्धय श्रीं फट्
विधि : मध्य रात्रि के समय सारे कपडे उतार कर, उत्तर दिशा कि तरफ मुख कर के इस मंत्र का पाठ करना है।  जप करते समय अमुकी के स्थान पर अभिलाषित लड़की और स्त्री का नाम लें। 

ध्यान रखें: इस जप को जपते समय आपको अपने आप को पूर्ण रूप से कामुक कर लेना है तभी ये सफल होगा।  इस क्रिया से आपको जल्दी ही मनचाही स्त्री प्राप्त होगी। 


अवधि : इस को कुल 21 दिनों तक करना है।  और सूर्यादय से पहले ये करना है।  प्रतिदिन 3 माला  जपना  है।  सफलता आपके हाथ में होगी।

Male Husband Vashikaran mantra

This is very powerful or strong spells to hypnotise the husband or boys friends. This spells should use when husband is going on wrong way or he is bad affairs with another woman. To save the family this spells should use.

Male Husband Hypnotism Spells:

Om namo bhagwati ugrrupini |

Uglying Mahakali Amuk Nar Vashikaran Prde |

Klim Jeevrashi Ku Aajo Mere Pagtre Karo |

Mere Vashy Vashy N Karo to Aadi Kaal Bhairav ki Aan |

Ram Chandr Ji Ki aaN |

Guru As Aadam |

Male Husband Hypnotism Spells Ritual: Do this spells chanting ritual on the occasion of solar or moon eclipse. This is goddess Mahakali Spells. So first Do the worship of God Ganesha and Shiva. Then Goddess Mahakali. Now chant the minimum 21 mala on the eclipse time more will be better. And continue till next 21 days with 21 mala daily. The spells will active with powered.

Now on the time of use chant this spells 108 times and put the name of desired male or husband on the place of AMUK. That person will run to you.


HINDI VERSION - Purush ya PAti Vashikaran Shabar Mantra

॥ मंत्र ॥

ॐ नमो भगवती उग्ररूपिणी।
उज्जयनी महाकाली अमुक नर वशीकरण प्रदे।
कलीम जीवराशि कू आजो मेरे पगतरे करो।
मेरे वश्य वश्य न करो तो बाबा काल भैरव कि आन।
राम जि कि आन।
शब्द साँचा।
पिंड कांचा।
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

विधि: ग्रहण काल में अनुष्ठान आरम्भ करना है। गणेश पूजा के बाद महाकाली पूजा करनी है तब 21 माला या जयादा का जप करो ओर अगले 21 दिन तक यही क्रिया करनी है। इस तरह मंत्र सिद्ध हो जायेगा। फिर जब भी मंत्र का उपयोग करना हो अमुक कि जगह पर पति या इच्छित का नाम रख कर 108 बार मंत्र जप करे और महा काली कि पूजा करें। जिसका नाम प्रयोग किया है वो दौड़ा चला आएगा।

Note:- sadhna me kisi parkar ki problems aa rahi ho to aap humare babaji se bhi sadhna karwa sakte hai.




Tuesday 29 September 2015

Vashikaran ke Gharelu Upay

1 – अभिमंत्रित सियार सिंघी, बिल्ली की जेर, हत्था जोड़ी एक दक्षिणावर्ती शंख लाल कपडे में बांधकर बुधवार को कामख्या मां की मूर्ती के सामने रखें फिर ओम शं सम्मोह्नाय नमः मंत्र के १००८ जाप करके सारी सामग्री तेज जल में प्रवाह कर दें फिर सफ़ेद आंकड़े धुप में सुखाकर पीसकर रोज तिलक लगायें फिर चमत्कार देखें
2 – सोमवार के दिन व्रत रखें, सम्भव हो तो उस दिन शिव आरधना के बाद में सिर्फ फलाहार ही ग्रहण करें।किसी जानकार और विश्वसनीय व्यक्ति से ५ रत्ती का बढिय़ा क्वालिटी का मोती प्राप्त करके उसे चांदी की अंगूठी में बनवा लें। इस अंगूठी को चंन्द्र मंत्र से अभिषिक्त कर सोमवार के ही दिन दाहिने हाथ की कनिष्ठा अंगुली में धारण करें।सोमवार के दिन जरूरतमंदों, अनाथों, पशु-पक्षियों एवं बुजुर्गों की यथाशक्ति सेवा अवश्य करें।मन, वचन और कर्म तीनों से ईमानदार और पवित्र रहने का हर संभव प्रयास करें। इन प्रयोगों के पूरे नियम पूर्वक करने पर मात्र सात सप्ताहों में ही स्पष्ट प्रभाव दीखने लगता है।
3 – काली हल्दी १०० ग्राम, एक अश्व की जीभ का टुकड़ा, एक दक्षिणावर्ती एक ९.२५ रत्ती का वशी पुखराज,एक नीले कपडे में बाँध कर लकड़ी के पटरे पर रखें ,सफ़ेद गुंजा की जड़ उस पर ७ दिन रखे रहने दें फिर उस कपडे को घर में कहीं छुपा दें फिर उस गुंजा को बकरी के दूध या गौमूत्र में घिस कर रोज तिलक लगायें प्रबल वशीकरण होगा
4 – सिद्ध अभिमंत्रित हत्था जोड़ी और उर्वशी यन्त्र / कामदेव यन्त्र लाल कपडे में बांधकर अपने पास रखने पर आकर्षण शक्ति बढती है किसी खास का वशीकरण करने के लिए इस पोटली पर हाथ लगाकर अमुक वाशिकरानाय स्वः मंत्र का ११ जाप करने से अत्याधिक वशीकरण होता है अमुक की जगह उस व्यक्ति या महिला /या पुरुष का नाम लें

सफेद गुंजा की जड़ को घिस कर माथे पर तिलक लगाने से सभी लोग वशीभूत हो जाते हैं।
यदि सूर्य ग्रहण के समय सहदेवी की जड़ और सफेद चंदन को घिस कर व्यक्ति तिलक करे तो देखने वाली स्त्री वशीभूत हो जाएगी।
राई और प्रियंगु को ÷ह्रीं’ मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके किसी स्त्री के ऊपर डाल दें तो वह वश में हो जाएगी।
शनिवार के दिन सुंदर आकृति वाली एक पुतली बनाकर उसके पेट पर इच्छित स्त्री का नाम लिखकर उसी को दिखाएं जिसका नाम लिखा है। फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें। इससे स्त्री वशीभूत हो जाएगी।
बिजौरे की जड़ और धतूरे के बीज को प्याज के साथ पीसकर जिसे सुंघाया जाए वह वशीभूत हो जाएगा।
नागकेसर को खरल में कूट छान कर शुद्ध घी में मिलाकर यह लेप माथे पर लगाने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
नागकेसर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुंकुंम और देशी घी का मिश्रण बनाकर किसी प्याली में रख दें। लगातार कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
शुभ दिन एवं शुभ लग्न में सूर्योदय के पश्चात उत्तर की ओर मुंह करके मूंगे की माला से निम्न मंत्र का जप शुरू करें। ३१ दिनों तक ३ माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध करके वशीकरण तंत्र की किसी भी वस्तु को टोटके के समय इसी मंत्र से २१ बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति पर प्रयोग करें। अमुक के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। मंत्र इस प्रकार है -
ऊँ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपति मे वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।
रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए।
अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से समस्त संसार वश में हो जाता है।
कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।
बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। इसका तिलक करके साधक जिसके पास जाता है, वह वशीभूत हो जाता है।
कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो जाता है।
केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं।
श्मशान में जहां अन्य पेड़ पौधे न हों, वहां लाल गुलाब का पौधा लगा दें। इसका फूल पूर्णमासी की रात को ले आएं। जिसे यह फूल देंगे, वह वशीभूत हो जाएगा। शत्रु के सामने यह फूल लगाकर जाने पर वह अहित नहीं करेगा।
अमावस्या की रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी का हलवा रख दें। इसके अलावा उसमें साबुत हल्दी का एक टुकड़ा, ७ लौंग तथा ७ काली मिर्च रखकर हंडिया पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह हंडिया धरती में गाड़ दें और वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें। ऐसा करने से प्रबल वशीकरण होता है।
प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं। तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।
कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलक माथे पर लगाएं। अब जिस स्त्री के सम्मुख जाएगा, वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर करने को उतावली हो जाएगी।
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Vashikaran ke Aasan Upay

सबसे पहला मंत्र मोहन और सम्मोहन के सबसे बड़े देवता अर्थात् श्रीकृष्ण का है. मंत्र है-
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
अगर आप किसी व्यक्ति को ध्यान में रखकर और सकंल्प के साथ कहते हैं कि - हे प्रभु! आपकी कृपा से यह व्यक्ति मेरे वश में हो जाये क्योंकि मुझे स्वयं को सही साबित करने का और कोई साधन नही है. ऐसा संकल्प लेकर भगवान श्रीकृष्ण के संमुख कहेंगे तो निश्चित ही आपको लाभ मिलेगा. जिस किसी व्यक्ति को सम्मोहित करना चाहते हैं, अपनी तरफ़ करना चाहते हैं हो जायेगा.

दूसरा  मंत्र भगवान नारायण का है-
ॐ नमो नारायणाय सर्व लोकन मम वश्य कुरु कुरु स्वहा.
अर्थात् हे प्रभु नारायण आपकी कृपा से सर्वलोक को वशीकरण करने की शक्ति मुझमे आ जाये. (सर्वलोक की जगह उस व्यक्ति का भी नाम लिया जा सकता है जिसे सम्मोहित करना हो) वह अवश्य आपके प्रति आकर्षित होगा.
तीसरा मंत्र दुर्गासप्तशती से है-
ज्ञानि न मपि चेतान्शी देवी भग्वति हिसा ग्रहा बलादा कृष्य मोहाय महामाया प्रयक्षति.
इस अत्यधिक चमत्कारिक मंत्र का 40 दिन तक नियमित रुप से 108 बार जाप करना है. यह मंत्र इतना प्रभावशाली है कि इसका जाप होते ही

चौथा भी एक प्रयोग ही है. इसके लिये -
कही भी जाते समय मोर की कलगी पीले रेशमी वस्त्र में बाँधकर अपने साथ रख लें.
इससे सम्मोहन और आकर्षण की शक्ति बढ़ती है. अथवा
श्वेत अपामार्ग की जड़ को घिसकर माथे पर तिलक लगायें.
इससे भी आपके अन्दर जो सम्मोहन की शक्ति है, उसमे निरन्तर वृद्धि होती है.
पांचवा एक प्रयोग है जिसको करने से केवल एक व्यक्ति ही नही पूरी-पूरी सभा को सम्मोहित किया जा सकता है. इसके लिये आपको करना यह है कि-
तुलसी के चूर्ण में सहदेई के रस को मिलाकर माथे पर तिलक करें.
यदि ऐसा तिलक करके आप किसी सभा अथवा पार्टी में जाते हैं तो सभी आपसे इम्प्रेस रहेंगे. यदि आप किसी एक व्यक्ति को ही आकर्षित करना चाहते हैं तो भी उसके संमुख यही टीका लगाकर जायें. वह अवश्य आपके नियंत्रण में आ जायेगा.

वशीकरण मंत्र के सही प्रयोग द्वारा आप निश्चित ही किसी स्त्री या पुरुष को अपने पक्ष में कर सकते हैं परन्तु वशीकरण मंत्र का प्रयोग तभी करना चाहिए यदि आपकी भावना सही है !
नोट : वशीकरण मंत्र कोई आम मंत्र नहीं है इसलिए आपको ख़ास तौर पर यह सुझाव दिया जाता है की इसका प्रयोग किसी योग्य वशीकरण विशेषज्ञ द्वारा करवाएं ! आप वशीकरण मंत्र का प्रयोग बाबा जी द्वारा भी करवा सकते हैं !
  बाबा जी ने वशीकरण मंत्र प्रयोग में महारत हासिल की हैं!
कितना भी ज्ञानी, विद्वान व्यक्ति क्यों न हो आपके नियंत्रण में आ जायेगा.
comments me sirf apni problems likhe ya aapka kimti sujhaw de 

Friday 25 September 2015

Stri Woman ko vashikaran karane ka achuk mantra Black Magic

Neeche diye gaye stri vashikaran mantra, upay and totke se aap kisi ko bhi ladki ko vash me kar sakte hai aur kuch bhi karwa sakte hai. We are giving you some free vashikaran mantra that you can use to make your life better. janiye stri ko vash me kaise kare aur stri ko mohit karne ka mantra.
1 – “om hrim klim amukam aakarshay mam vasyam kuru swaha”
Vidhi –  Kumkum , keshar , tatha chandan ka mishrit ghol lekar ek bhoj patra ke upar ek gudiya chitra banawe , | tatpashchat kisi subh din tatha nakchtra wa tithi par khodsopchar vidhi se puja kare | usse yash prapti ke liye prarthna kare | aur katthe ki lakdi se hawan kar uprokt mantra se kaner pushp, gugal, tatha ghi ki 108 baar aahuti de | isse stri purush sabhi vash mr hote hai | mantra me amuk ke sthan par jisko vash me karma ho uska naam likhe |
2 – stri aakarshn mantra
“Om hrim namah”
Vidhi –   Kumkum ki maalaa tatha lal vastra pahan kar pratidun ek hajar jape k saptah tak karne se sidh ho jata hai | tatpashchat pratidin ek hajar jaap karte huye ji stri kaa dhyan kar pratidin jaap kiya jaye to wah stri nishchit hi aakarshit ho jati hai |
3 – mantra – “on chem. Hrim hrim aam ham swaha”
Vidhi –  Is mantra ko bhi lal vastra aur kumkum ki mala dharan kar ek saptah tak pratidin dus hajar jaap karne se pasand ki stri kaa vashikaran ho jaataa hai
4 – aakarshan mantra ka prayog kisi ko apni or aakarshit karne ke liye kiya jata hai |
Mantra “ on namh hrim tham thah swaha “
Vidhi – Is mantra ko mangalwar ke din dus hajar bar jap karne se sidh ho jata hai
Jab prayog karma ho tab chuhe ki bil ki mitti , sarso ka binaula, hath me lekar teen bar mantra padh kar jis kisi ke kapde par dal diya jaye wah wahi aakarshit ho jata hai |
5 – sabha mohan mantra
Mantra – “ kalu muh dhodar karu salam mere nan |
Surma base jo nirkhe so payan pade |
Gosul aajam dastgir ki duhai |
Vidhi – shukrwar ke din sawa lakh gehu ke dane lekar pratyek dane par ek bar mantra padh kar fook mar kar sidh kar le | usme se aadhe gehu ko piskar ghi se halwa bana kar gausul aajam ko bhog lagakar swam khate hai | iske bad is mantra ko sat bar padh kar aankho me surma dalkar jis kisi sabha me jaye wahi sabha sammohit ho jayegi |
6 – pati mohan mantra
Mantra – “ om asy sri sundrimantr swarth varn
Rishi iti swhipas swaha
Vidhi – jis stri ka pati usse santust na rahta ho , us stri ko nimn mantra ka pratidin 108 din tak 108 bar jap karma chahiye ,isse pati patni par aakARSHIT HOGA TATHA DONO KA JIWAN AANAD MAY HO JAYEGA |
7 – stri mohan mantra
Mantra – “ allah bich hatheli ke Muhammad bich kapar
Uska naam mohini jagat mohe sansar |
Moh kare jo moh mar use baye pot war dar |
Jo na jane mohammd pagmber ki aan |
Us par mihammad mera rasulilah
Vidhi – purush jis ladki ya stri ko mohit karma chahe us stri ke pairo ke niche ke mitti uthakar use sat bar padh kar jis stri ke sir par dal de wahi mohit hokar vash me ho jayegi | is mantra ko sidh karne ke liye ek shaniwar se prarambh hokar agle shaniwar tak prati din dhoop , deep, lohban, sulgakar pratidin ek bar jap karne se sidh ho jata hai.
But be careful before using these free vashikaran mantra by yourself, it is better to do it under the guidence of some specialist. Boss ko vash me karne ke liye bhi mantra ka prayog kiya ja sakta hai